स्थायी किश्त पद्धति (Fixed Instalment Method) या सीधी रेखा पद्धति(Straight Line Method)
स्थायी किश्त पद्धति (Fixed Instalment Method) – स्थायी किश्त पद्धति से आशय ऐसी पद्धति से है जिसमें ह्रास की गणना प्रति वर्ष सम्पत्ति की मूल लागत पर की जाती है, इस पद्धति में ह्रास की राशि प्रति वर्ष समान रहती है। इसे सीधी रेखा पद्धति,ह्रास की सरल प्रणाली,मूल लागत पद्धति (Original Cost Method) ,बराबर प्रभाग पद्धति(Equal Instalment Method) आदि नामों से भी जाना जाता है। इस पद्धति में सम्पत्ति का मूल्य सम्पत्ति का जीवन काल समाप्त होने पर शून्य अथवा अवशेष मूल्य (Scrap value) के बराबर हो जाता है। इस पद्धति में ह्रास की गणना करना अत्यन्त सरल है।
स्थायी किश्त पद्धति की विषेशताएँ (Features of fixed Instalment Method)
- ह्रास प्रति वर्ष सम्पत्ति की मूल लागत पर लगाया जाता है।
- ह्रास की राषि प्रति वर्ष समान रहती है।
- इस पद्धति में सम्पत्ति को शून्य तक अपलिखित किया जा सकता है।
- सम्पत्ति का मूल्य प्रति वर्ष समान दर से घटता है।
- ह्रास की गणना करते समय अवशेष मूल्य को ध्यान में रखा जाता है।
- इस विधि के तहत मूल्यह्रास की गणना बहुत सरल है, इसलिए विधि व्यापक रूप से लोकप्रिय है।
- एक बार मूल्य ह्रास की मात्रा की गणना की जाती है, वही राशि हर साल मूल्य ह्रास के रूप में लिखी जाती है ।
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स्थायी किश्त पद्धति के अन्तर्गत वार्षिक मूल्य ह्रास की गणना (Calculation of Annual Depreciation in Fixed instalment method)
- जबकि सम्पत्ति का लागत मूल्य दिया हो और अनुमानित जीवन काल दिया हो तो वार्षिक मूल्य ह्रास की गणना निम्न सूत्र द्वारा की जाती है:-
- While the cost of the Assets and the estimated life of Assets is given, the annual depreciation is calculated by the following formula: –
For Example – एक Machinery 1 जनवरी 2019 को 5,00,000 में खरीदी, Machinery का अनुमानित जीवन काल 10 वर्ष है, खाते प्रति वर्ष 31 दिसम्बर को बंद किये जाते हैं। ह्रास स्थायी किश्त पद्धति से लगाया जाता है। वार्षिक मूल्य ह्रास की गणना कीजिए।
वार्षिक मूल्य ह्रास =5,00,000 /10
- जबकि सम्पत्ति का लागत मूल्य दिया हो अवशेष मूल्य(Scrap Value) दिया हो और अनुमानित जीवन काल दिया हो तो वार्षिक मूल्य ह्रास की गणना निम्न सूत्र द्वारा की जाती है –
- While the cost of the Assets, estimated life of Assets and scrap value of assets is given, the annual depreciation is calculated by the following formula: –
For Example- एक Machinery 1 जनवरी 2019 को 6,00,000 में खरीदी, Machinery का अनुमानित जीवन काल 11 वर्ष है और अवशेष मूल्य 50,000 अनुमानित है। खाते प्रति वर्ष 31 दिसम्बर को बंद किये जाते हैं। ह्रास स्थायी किश्त पद्धति से लगाया जाता है। वार्षिक मूल्य ह्रास की गणना कीजिए।
वार्षिक मूल्य ह्रास = (6,00,000 – 50,000) /11 = Rs.50,000
- जबकि सम्पत्ति का लागत मूल्य और दर दी गयी हो तो ह्रास की गणना निम्न सूत्र द्वारा की जाती है :-
- While the cost of the Assets, and rate of depreciation is given, the annual depreciation is calculated by the following formula: –
For Example– एक Machinery 1 जनवरी 2019 को 9,00,000 में खरीदी, Machinery को स्थापित करने (Installation) में 1,00,000 व्यय हुए। खाते प्रति वर्ष 31 दिसम्बर को बंद किये जाते हैं। ह्रास स्थायी किश्त पद्धति से 10% प्रति वर्ष की दर से लगाया जाता है। वार्षिक मूल्य ह्रास की गणना कीजिए।
वार्षिक मूल्य ह्रास = (9,00,000+1,00,000) x 10 / 100 = Rs.1,00,000
- यदि सम्पत्ति का लाागत मूल्य दिया हो, वार्षिक मूल्य ह्रास दिया हो तो ह्रास की दर निम्न प्रकार से ज्ञात की जा सकती है (If the cost of the Assets is given, the annual depreciation is given, the rate of depreciation can be known as follows):-
For Example–
Cost of Machinery Rs. 5,00,000
Annual Depreciation by fixed instalment method Rs. 50,000 Find out rate of depreciation.
Rate of Depreciation = 50,000 X 100/5,00,000 = 10%p.a.
Methods of recording Depreciation:
(1) When depreciation is charged to asset account:
In this method depreciation is deducted from the asset value and charged (debited) to profit and loss account or Statement of profit and Loss . Journal entries for recording under this method are as follows.
(a) For purchase of an asset
Asset A/c Dr.
To Cash/Bank/ vendor A/c
(For Assets purchased With the cost of an asset including installation expenses, freight etc.)
(b) Following entries are recorded at the end of each year
(i) For depreciation charged on assets-
Depreciation A/c Dr.
To Asset A/c
( For Depreciation charged on assets)
(ii) For Depreciation transferred to Profit and loss A/c Or Statement of Profit and loss-
Profit and loss A/c Dr.
Or
Statement of Profit and loss Dr.
To Depreciation A/c
(For Depreciation transferred)
(c)For sale of an asset-
Cash/Bank/ vendor A/c A/c Dr.
To Asset A/c
(For Assets sold)
(D)For loss on sale of assets transferred to Profit and loss A/c Or Statement of Profit and loss –
Profit and loss A/c Dr.
Or
Statement of Profit and loss Dr.
To Assets A/c
(For loss on sale of assets transferred)
(E)For Profit on sale of assets transferred to Profit and loss A/c Or Statement of Profit and loss –
Assets A/c Dr.
To Profit and loss A/c
Or
To Statement of Profit and loss
(For Profit on sale of assets transferred)